गर्मी ने सबको हैरान परेशां कर रखा है चाहे जानवर हो या इंसान प्यास बुझाने के नए नए तरीके अजमाते रहते है और हा ठंडी चीज़े इन्हें भी भाती है आखिर कहा मिलेगा थोडा सुकून
Saturday, May 1, 2010
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सामाजिक चेतना, मानवीय संवेदना और इंसानी जटिल प्रवृतियों की अभिव्यक्ति
गर्मी ने सबको हैरान परेशां कर रखा है चाहे जानवर हो या इंसान प्यास बुझाने के नए नए तरीके अजमाते रहते है और हा ठंडी चीज़े इन्हें भी भाती है आखिर कहा मिलेगा थोडा सुकून
Posted by नीलम at 1:49 PM
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