निवेश के मामले में कोई कितनी भी सलाह दे ले पर सच यही है कि इसके प्रतिमान हर दिन बदलते हैं लेकिन कुछ खास बातों का ध्यान रखा जाए तो इसे एक सेफ गेम की तरह खेला जा सकता है। इससे इस क्षेत्र में जीत के चांस बढ़ जाते हैं। जरूरत है थोड़े से धैर्य और सजगता की। वित्तीय जगत के विशेषज्ञ शेयर के चुनाव के लिए पीई रेश्यो, कैशफ्लो और फंडामेंटल एनालिसिस के बुनियादी तथ्यों के विश्लेषण पर ज्यादा जोर देते हैं। यह निवेश के लिए जरूरी और कारगर तथ्य तो है पर इसके अलावा भी कुछ बातें हैं जिसके बिना निवेश करने की समग्र तस्वीर अधूरी है। बाजार के बदलते मूल्य और इसका मनोविज्ञान हमेशा ही शेयर के सही मूल्य को प्रतिबिंबित नहीं करता है। कई बार देखा गया है कि शेयर के मूल्य निवेशकों की आशंका से कहीं ज्यादानीचे गिर जाते हैं और निवेशकों का धैर्य भी टूटने लगता है। बाजार मे शेयर के गिरते मूल्य देखकर ऐसे निवेशक घबरा जाते हैं जिन्होंने सस्ते मूल्य में कंपनी का शेयर खरीद रखा था और गिरते मूल्यों की निराशा फैलने पर इसे सस्ते मूल्यों में बेचना शुरू कर देते हैं जो सही नहीं है क्योंकि शेयर के दाम का घटना बढऩा बाजार के स्वभाव का हिस्सा होता है। अगर निवेशक उसके मुताबिक थोड़ा सा धैर्य रख लें तो प्राय: परिस्थितियां उनके अनुकूल हो सकती हैं। इसके लिए जरूरी है कुछ खास बातों का तथ्यात्मक विश्लेषण करना। इसके साथ ही कंपनी की गुणवत्ता का विश्लेषण करना भी जरूरी है। कंपनी के बारें में यह जानना जरूरी है कि क्या कंपनी पहले से ही लाभ प्रदाता इकाई है? अगर कंपनी के शेयर मूल्य तेजी से बढ़ या घट रहे हैं तो उसका कारण क्या है? कंपनी कौन से नए उत्पाद ला रही है। इसके साथ ही अगर बाज़ार की अर्थव्यवस्था के विभिन्न पहलुओं पर नजर नहीं डाली गई तो कई बार बाहर से बेहतर दिखने वाली कंपनी के अचानक औंधेमुंह गिरने की आशंका बनी रहती है। किसी बेहतर कंपनी के मूल्यांकन की कई शर्ते होती हैं जैसे कंपनी का बिजनेस मॉडल सर्वश्रेष्ठ है या नहीं, कंपनी की ओर से लगातार नए और बेहतर उत्पाद लॉन्च किए जा रहे हैं या नहीं और इनकी वजह से कंपनी के विपणन में बढ़ोतरी हो रही है या नहीं आदि। साथ ही अपने आसपास के बाजार और मौसम पर ध्यान रखना जरूरी है। इसके अलावा निवेशकों को ऐसी कंपनी की तलाश करनी चाहिए जिसमें जारी किए गए शेयर वापस खरीदने का भी प्रावधान हो। इससे स्टॉक काअर्निंग पर शेयर तो बढ़ता ही है साथ ही यह इस बात की आश्वासन भी होता है कि कंपनी में किया गया निवेश ही सबसे बेहतर है। बहुत से स्टॉक चक्रीय क्रम पर भी कार्य करते हैं। इन्हें सीजनल स्टॉक कहा जाता है। इनमें वर्ष के कुछ खास महीनों में ट्रेडिंग वाल्यूम काफी रहता है और कुछ महीनों में यह काफी कम हो जाता है। लेकिन अगर निवेशक इस विचलन से अनजान है तो इस निवेश से घाटा भी हो सकता है। इसलिए बेहतर यह है कि निवेश का समय जानने के लिए ट्रेडिंग पैटर्न पर पांच वर्ष के चार्ट पर नजर डाल लें। ऐसे में इसके सभी पक्षों का गहराई से मूल्यांकन करने के बाद ही निवेश करना चाहिए। तो इस बात को दरकिनार करिये कि निवेश के लिए बुद्धिमान होना जरूरी है। सही निर्णय लेने के लिए जरूरी है कि निवेशक भय और लालच जैसी भावनाओं पर नियंत्रण रखे। सच यो यह है कि निवेश के लिए सामान्य बुद्धिमत्ता जरूरी है विशिष्टता नहीं। साथ अगर आप थोड़ी सजगता दिखाएं तो मार्केट में निवेश का फंडा समझते आपको देर नहीं लगेगी। अगली बार पढ़े कहां करें निवेश
Wednesday, February 3, 2010
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