Friday, June 25, 2010

अप्रवासी भारतीय-पूरा होगा सपना

लाखों प्रवासी भारतीयों (एनआरआई)को मतदान का अधिकार देने की लंबित मांग जल्द पूरी हो सकती है। जीओएम ने इस मुद्दे पर तैयार मसौदे को मंजूरी दे दी है। अब केंद्रीय कैबिनेट इस पर विचार करेगी। प्रवासी भारतीयों की लोकतांत्रिक प्रक्रिया में भागीदारी से दोतरफा संवाद को बढ़ावा मिलेगा और भारत के विकास में उनकी सक्रिय भागीदारी में सहयोग मिलेगा। इस साल प्रवासी भारतीय दिवस को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा था कि वह विदेशों में रह रहे भारतीयों की वोट देने और भारत सरकार में भागीदारी की इच्छा को जानते हैं और इसके लिए उनकी सरकार हर संभव प्रयास भी कर रही है। उनके इसी तथ्य को अमली जामा पहनाने का लगभग पूरा हो गया है जिसके तहत जल्द ही अप्रवासी भारतीयों को भारत में वोट करने का अधिकार मिल जाएगा। वर्तमान कानून के मुताबिक प्रवासी भारतीयों का नाम मतदाता सूची से हटा दिया जाता है अगर वह एक बार में 6 महीने से ज्यादा के लिए देश से बाहर रहता है। गौरतलब है कि सरकार ने 2006 में राज्यसभा में विधेयक को पेश किया था, जिसमें लोक प्रतिनिधित्व विधेयक में संशोधन का प्रस्ताव दिया गया था, ताकि प्रवासी भारतीयों को मतदान का अधिकार दिया जा सके। इसके बाद विधेयक को संसद की स्थायी समिति को भेजा गया और बाद में इसे जीओएम को भेजा गया था। इस मामले पर विचार करने के लिए प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने मंत्री समूह का गठन किया था। इसकी बैठक 10 जून को ए.के. एंटनी की अध्यक्षता में हुई थी। इसमें रवि, गृहमंत्री पी. चिदंबरम, विधि मंत्री वीरप्पा मोइली और मानव संसाधन विकास मंत्री कपिल सिब्बल मौजूद थे। प्रवासी मामलों के मंत्रालय द्वारा करीब 4 साल पहले तैयार मसौदा लोक प्रतिनिधित्व (संशोधन)विधेयक को रक्षा मंत्री ए.के. एंटनी की अध्यक्षता वाले जीओएम ने मंजूरी दे दी। इसे जल्द ही इसे कैबिनेट के सामने पेश किए जाने की संभावना है। प्रवासी भारतीय मामलों के मंत्री व्यालार रवि ने कहा कि रक्षा मंत्री की अध्यक्षता वाले जीओएम ने विधेयक को मंजूरी दे दी है। हम इसे कैबिनेट के सामने पेश करने वाले हैं और इसके बाद इसे संसद में पेश किया जाएगा। राज्यसभा सदस्य रवि ने कहा कि प्रवासी भारतीयों को मताधिकार प्रदान करने संबंधी विधेयक संसद के मानसून सत्र में पारित होने की संभावना है। यह संसद के अगले सत्र में पारित हो जाएगा। प्रवासी भारतीय मामलों के मंत्री व्यालार रवि ने कहा कि प्रवासी भारतीय डाक के जरिए वोट नहीं दे सकेंगे। डाक के जरिए मतपत्र भेजने का सवाल ही नहीं उठता, क्योंकि इसमें जाली मतदान की आशंका रहती है। इसलिए वोट डालने के लिए उन्हें देश में सशरीर मौजूद रहना होगा। देश के बाहर, खासकर खाड़ी मुल्कों में लाखों की संख्या में रहने वाले भारतीयों को मताधिकार देने की मांग उठ रही थी, स्वाभाविक तौर पर यह उचित मांग है। लेकिन कठिनाई उनके नाम तलाशने में होगी, क्योंकि छह महीने से अधिक समय तक देश से बाहर रहने पर मतदाता सूची से उनका नाम हटा दिया जाता है।

Saturday, June 12, 2010

शनि अमावस्या शुभ हो

आज शनि अमावस्या है तो क्यों शनिदेव से अपने बुरे कर्मों के लिए माफ़ी मांग लें शनि मंत्र स्तोत्र सर्वबाधा निवारक वैदिक गायत्री मंत्र ' भगभवाय विद्महे मृत्युरुपाय धीमहि, तन्नो शनि: प्रचोदयात्।' प्रतिदिन श्रध्दानुसार शनि गायत्री का जाप करने से घर में सदैव मंगलमय वातावरण बना रहता है। वैदिक शनि मंत्र शन्नोदेवीरमिष्टय आपो भवन्तु पीतये शंय्योरभिस्रवन्तुन: शनिदेव को प्रसन्न करने का सबसे पवित्र और अनुकूल मंत्र है इसकी दो माला सुबह शाम करने से शनिदेव की भक्ति प्रीति मिलती है। 'पौराणिक' शनि मंत्र ह्रीं नीलांजनसमाभासं रविपुत्रं यमाग्रजम्। छायामार्तण्डसम्भूतं तं नमामि शनैश्चरम्॥ यह बहुत ही सटीक फल देने वाला शनि मंत्र है। इसका यदि सवा कराड़ जाप स्वयं करे या विद्वान साधकों से करवाएं तो जातक राजा के समान सुख प्राप्त करता है। शनि ग्रह पीड़ा निवारण मंत्र सूर्यपुत्रे दीर्घ देहो विशालाक्ष: शिवप्रिय: मंदचार: प्रसन्नात्मा पीड़ां हरतु में शनि: सूर्योदय के समय, सूर्य दर्शन करते हुए इस मंत्र का पाठ करना शनि शांति में विशेष उपयोगी होता है। कष्ट निवारण शनि मंत्र नीलाम्बर: शूलधर: किरीटी गृघ्रस्थितस्त्रसकरो धनुष्मान्। चर्तुभुज: सूर्यसुत: प्रशान्त: सदाऽस्तुं मह्यं वरंदोऽल्पगामी॥ इस मंत्र से अनावश्यक समस्याओं से छुटकारा मिलता है। प्रतिदिन एक माला सुबह शाम करने से शत्रु चाह कर भी नुकसान नहीं पहुंचा पायेगा। सुख-समृध्दि दायक शनि मंत्र कोणस्थ:पिंगलो वभ्रु: कृष्णौ रौद्रान्त को यम: सौरि: शनैश्चरौ मंद: पिप्पलादेन संस्तुत: इस शनि स्तुति को प्रात:काल पाठ करने से शनिजनित कष्ट नहीं व्यापते और सारा दिन सुख पूर्वक बीतता है। शनि पत्नी नाम स्तुति शं शनैश्चराय नम: ध्वजनि धामिनी चैव कंकाली कलहप्रिया। कंटकी कलही चाऽथ तुरंगी महिषी अजा॥ शं शनैश्चराय नम: यह बहुत ही अद्भुत और रहस्यमय स्तुति है यदि आपको कारोबारी, पारिवारिक या शारीरिक समस्या हो। इस मंत्र का विधिविधान से जाप और अनुष्ठान किया जाये तो कष्ट आपसे कोसों दूर रहेंगे। यदि आप अनुष्ठान कर सकें तो प्रतिदिन इस मंत्र की एक माला अवश्य करें घर में सुख-शांति का वातावरण रहेगा। शं शनैश्चराय नम:

Wednesday, June 2, 2010

बदलते मापदण्ड

गदहा
अगर किसी ने मुझे गदहा कहा
तो मुझे खुद पे गर्व होगा
आखिर किसी ने मेरे
सीधेपन और सहिष्णुता की पहचान तो की।
कुत्ता
किसी को कुत्ता कहाना
उसकी वफादारी को सही आंकना है
अब तो मानव
कुत्ता कहलाने के कहलाने के भी काबिल नहीं रहा
वह तो खिलानेवाले को ही
काटने दौड़ता है सबसे पहले
साँप
साँप
दूध और डंडा में
अंतर नहीं समझता है
जो भी सामने आए
उसी पर दंश छोड़ता है
इसीलिए इसकी तुलना
आदमी से की जाने लगी है।
आदमी
सबसे बड़ा अपमान मुझे
आदमी कहलाना लगता है
जो अंदर और बाहर
जहर ही जहर रखता है
सियार, चील और घ्डिय़ाल
की बिसात की क्या
यह गिरगिट से भी ज्यादा रंग बदलता है।

नीलम