गदहा
अगर किसी ने मुझे गदहा कहा
तो मुझे खुद पे गर्व होगा
आखिर किसी ने मेरे
सीधेपन और सहिष्णुता की पहचान तो की।
कुत्ता
किसी को कुत्ता कहाना
उसकी वफादारी को सही आंकना है
अब तो मानव
कुत्ता कहलाने के कहलाने के भी काबिल नहीं रहा
वह तो खिलानेवाले को ही
काटने दौड़ता है सबसे पहले
साँप
साँप
दूध और डंडा में
अंतर नहीं समझता है
जो भी सामने आए
उसी पर दंश छोड़ता है
इसीलिए इसकी तुलना
आदमी से की जाने लगी है।
आदमी
सबसे बड़ा अपमान मुझे
आदमी कहलाना लगता है
जो अंदर और बाहर
जहर ही जहर रखता है
सियार, चील और घ्डिय़ाल
की बिसात की क्या
यह गिरगिट से भी ज्यादा रंग बदलता है।
2 Comments:
ACHCHHA PAHCHANA HAI 'AADMI' ME CHHUPE GADHE, KUTTE ,SAANP.........KO
neelam ji aapki mehnat rang la rahi he. kafi achcha kam kar rahi hen aap apne blog par. bohot achchi cheeje padhne ko milti hen. keepit up........ and good luck
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