Thursday, April 15, 2010

भारत बना खेत,खंडहरों और हास्पिटालिटी का पर्यटन बाज़ार

पर्यटन के क्षेत्र में भारत अपना लोहा मनवा रहा है। भले ही मुंबई हमले के बाद इस क्षेत्र पर एक असर पड़ा हो लेकिन असर वैसा भी नहीं जो पर्यटन के सभी क्षेत्रों को जमींदोज कर गया हो। पर्यटन के नए-नए क्षेत्रों के विकास के कारण यहां आने वाले विदेशी मेहमानों की संख्या में दिन पर दिन बढ़ोतरी जारी है मेडिकल टूरिज्म पिछले कुछ वर्षों में भारतीय पर्यटन में एक नया आयाम जुड़ा है मेडिकल टूरिम का। वैश्विक वित्तीय सुस्ती भी मेडिकल टूरिम की बढ़ती रफ्तार को मंद नहीं कर पाई है। अमरीका, ब्रिटेन, इटली, जर्मनी जैसे देशों में इलाज महंगा होने के कारण इसके लिए भारत आने वाले मरीजों को मेडिकल टूरिस्ट कहा जाता है। हालांकि फिलहाल भारत में मेडिकल टूरिम इंडस्ट्री अपने शुरुआती चरण में है लेकिन आने वाले दिनों में इसके तेजी से बढऩे की संभावनाएं हैं। कुछ महीनों पहले आई बूमिंग मेडिकल टूरिम इन इंडिया रिपोर्ट के मुताबिक 2012 के अंत तक वैश्विक मेडिकल टूरिम इंडस्ट्री में भारत की हिस्सेदारी 11 लाख पर्यटकों और 2.4 अरब डॉलर की आमदनी के साथ 2.4 फीसदी हो जाएगी। किला, खंडहर का हेरिटेज टूरिज्म भारतीय विरासत की अमूल्य धरोहर को नजदीक से देखने दुनिया के हर कोने से सैलानी आते हैं। देश में शायद ही कोई ऐसा राज्य हो जहां भारतीय विरासत के चिन्ह मौजूद हों। आगरा, जयपुर, दिल्ली, खजुराहो, कोर्णाक, पुरी, हरिद्वार, हैदराबाद जैसे जाने कितने शहर हैं जहां भारतीय विरासत की अमिट छाप है। पिछले साल करीब 53.7 लाख से ज्यादा विदेशी सैलानी भारत आए थे। मुंबई हमले के बाद हालात सुधरने के साथ आने वाले दिनों में पर्यटकों की संख्या बढ़ेगी। कॉमनवेल्थ खेलों के दौरान ज्यादा से ज्यादा विदेशी सैलानियों को आकर्षित करने के लिए भारत सरकार अमरीका, ब्रिटेन, यूरोप और ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों में रोड शो का आयोजन करवा रही है। ट्रैवलमस्ती वेडिंग्स यानी वेडिंग टूरिज्म शादी-व्याह के पर्यटन में यादातर युवा सैलानी ही आते हैं। भारत में वेडिंग टूरिम की मांग को देखते हुए दिल्ली के ऑनलाइन पोर्टल ट्रैवलमस्ती डॉट कॉम ने ट्रैवलमस्ती वेडिंग्स के नाम से खास वेबसाइट शुरू की है। कंपनी फिलहाल, ब्रिटेन, अमरीका, दक्षिण अफ्रीका, मध्य एशिया, ऑस्ट्रेलिया और सिंगापुर के पर्यटकों को आकर्षित करने की तैयारी में है। वित्तीय सुस्ती के बावजूद विदेशी सैलानी बड़ी संख्या में भारत रहे हैं। इस पर्यटन में ऐसा देखा जा रहा है कि केरल में कोवलम, मुंबई में अलीबाग, उदयपुर, देवीगढ़, जयपुर, जोधपुर, जैसलमेर जैसे शहरों को सैलानी ज्यादा चुनते हैं। फार्म टूरिज्म की मनमोहक हरियाली कुछ साल पहले तक सिर्फ खेती के सहारे दो जून की रोटी जुटाने की मशक्कत करने वाले किसानों को फार्म टूरिज्म के रूप में कमाई का एक नया जरिया मिल गया है। इसके लिए उन्हें तो अपनी मिट्टी से अलग होना पड़ता है और ही रोजगार के लिए अपने परिवार का साथ छोडऩा पड़ता है। देश में फिलहाल महाराष्ट्र, हरियाणा, गोवा, पंजाब और केरल में फार्म टूरिज्म का तेजी से विस्तार हो रहा है। फार्म टूरिम के तहत सैलानियों को भारतीय गांवों का बेहतरीन नजारा देखने का मौका मिलता है। सैलानी गांव वालों के साथ वक्त बिताते हुए उनकी दिनचर्या को सिर्फ बेहद नजदीक से देखते हैं बल्कि खुद भी उसका पूरा मजा लेते हैं। फार्म टूरिम में एक रात के लिए 3,000-6,000 रुपए चुकाने पड़ते हैं।

1 Comment:

KP Tripathi said...

bharat gao mee hee basta ha mall sanskrity bhartiyata ko nahe diga saktee.sayad isliye hee uropian bharat darsan koo aate hae.

नीलम